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फूल - Vineeta Lawania (Sahitya Arpan)

कविताअन्य

फूल

  • 211
  • 4 Min Read

💐फूल💐

फूलों की क्यारी प्यारी - प्यारी।
रंग बिरंगे प्यारे -प्यारे ,
सुन्दर- सुन्दर न्यारे - न्यारे ,
रूप अलग है रंग अलग है ,
फिर भी एक कहाते क्या ? फूल...

जीवन महकाते सबको भाते ,
भौंरे और तितली को देखो ,
दोनों उन पर मंडराते।

फूलों की क्यारी सी प्यारी -प्यारी ,
ये मेरे घर की फुलवारी ,
सूरत सीरत जुदा - जुदा हैं ,
फिर भी एक कहाते क्या ? परिवार ...

जीवन महकाती घर को चहकाती ,
रूठती और झट से मन जाती ,
बोलो क्या कहलाती ? बेटी ...

कोई मोटा कोई छोटा ,
कोई हँसता कोई रोता ,
कोई नटखट कोई सुस्त सा,
खेल अलग हैं सोच अलग हैं ,
फिर भी एक कहाते क्या ? बच्चे ...

ये है मेरे घर की बगिया ,
रंग बिरंगे फूलों वाली ,
सुन्दर -सुन्दर प्यारी -प्यारी।

विनीता लवानियां

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Kamlesh  Vajpeyi

Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

मोहक रचना.!

Vineeta Lawania3 years ago

☺️धन्यवाद जी

प्रपोजल
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