कविताअतुकांत कविता
दिल
एक तिजोरी है
इसे किसी को
दिखाने की आवश्यकता
नहीं
इसकी चाबी
अपने पास ही रखनी चाहिए
इसे किसी के
हाथ में थमाकर
उससे खुलवाने की
जरूरत नहीं
यह एक अनमोल खजाना
है
अपने प्रियजनों की
प्यार भरी यादों का
जिनके दिल में प्यार
नहीं और
पत्थरदिल लोगों पर
यह प्यार का खजाना
लुटाने की आवश्यकता
नहीं
अपने जीवन की
अपने प्रेम की यात्रा
खुद तक सीमित रखो
अपने सुख या दुख
किसी के साथ
बांटने की जरूरत नहीं
अपनी शवयात्रा में
किसी को
शामिल न करो
अपनी मौत की खबर
कभी किसी को
मत दो
हो सके तो
समय रहते
कर दो अपना शरीर
दान
कोई पल दो पल को
तुमसे हमेशा के लिए
पीछा छुड़ाकर
अपना दामन
बचाकर
तुम्हें इस संसार से
विदा करके
दो आंसू गिराना भी चाहे तो
कोई ऐसा उपाय करो कि
उसे रोने की आवश्यकता
न पड़े।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) - 202001