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साहित्य बने मेरी पहचान - Bhawna Sagar Batra (Sahitya Arpan)

कविताअन्य

साहित्य बने मेरी पहचान

  • 170
  • 4 Min Read

हिंद से है प्रेम मुझे, काव्य का करती हूँ सम्मान
#हरियाणा की वासी हूँ,#फरीदाबाद शहर का नाम।

नाम में ही भाव छुपे है,"भावना" है मेरा नाम
जाति में न बाँटू खुदको, बस समझूँ मैं #इंसान।

#ब्यूटीशियन है पेशा मेरा, काम से करूँ प्यार
#स्वाभिमानी हूँ थोड़ी,नहीं सहती हूँ दुर्व्यवहार ।

#काव्य लिखना पसंद मुझे है,हर समय रहे उसी में ध्यान
और भी कुछ करूँ,आजू बाजू वाले सभी देते मुझको ज्ञान ।

आभार #कलम मेरी को करूँ हाथ जोड़ प्रणाम,
इसी तरह बढ़ता रहे #लेखन मेरे का ज्ञान ।

जिसने खुदसे कराया परिचय सभी का,
दिया सब कवियों को सम्मान।
साहित्य से प्रेम मुझे, साहित्य बने मेरी पहचान।

©भावना सागर बत्रा की कलम से
फरीदाबाद ,हरियाणा

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भुवनेश्वर चौरसिया भुनेश

Bhawna Sagar Batra4 years ago

जी शुक्रिया

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