कविताअतुकांत कविता
आसमान से
उतरा बादल
जमीन पर गिरा
बारिश की
एक बूंद बनकर
जल के उस भराव में
झांक रहा
सम्पूर्ण सृष्टि का प्यार
दुलार रहा जैसे
आज मौसम के
सिर पर हाथ फेरकर
किसी मां का
ममता भरा कोमल स्पर्श
उसका स्वच्छ पानी की
बौछार सा
सरल, सुंदर और सौम्य रूप
शुद्ध, निर्मल और कोमल
जैसे हो कोई ईश्वरीय स्वरूप
अलौकिक संसार।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) - 202001