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हत्याहरण तीर्थ - mahesh dikshit (Sahitya Arpan)

लेखअन्य

हत्याहरण तीर्थ

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हत्याहरण तीर्थ
हत्याहरण तीर्थ उत्तर प्रदेश प्रदेश के हरदोई जनपद की संडीला तहसील में पवित्र नैमिषारण्य परिक्रमा क्षेत्र में स्थित है। प्रसिद्ध हत्याहारण कुंड तीर्थ के संबंध में यह मान्यता है कि भगवान राम भी रावण वध के उपरांत ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्त होने के लिये इस सरोवर में स्नान करने आये थे।
ऐतिहासिक कथा
इस तीर्थ की नीव देवो में देव महादेव ने डाली थी|शिव पुराण में वर्णन है कि माता पार्वती के साथ भगवान भोले नाथ एकांत की खोज में निकले और नैमिषारण्य क्षेत्र में विहार करते हुए एक जंगल में जा पहुचे |वहाँ पर सुरम्य जंगल मिलने पर तपस्या करने लगे ! तपस्या करते हुए माता पार्वती को प्यास लगी | जंगल में जल न मिलने पर उन्होंने देवताओ से पानी के लिए कहा तब भगवान सूर्य ने एक कमंडल जल दिया | माँ पार्वती ने जल पान करने के बाद बचे जल को जमीन पर गिरा दिया |तेजस्वी पवित्र जल से वहाँ पर एक कुण्ड का निर्माण हुआ |जाते वक्त भगवान शंकर ने इस स्थान का नाम प्रभास्कर क्षेत्र रखा |यह कहानी सतयुग की है|द्वापर में ब्रम्हा द्वारा अपनी पुत्री पर कुदृष्टि डालने पर पाप लगा |उन्होंने इस तीर्थ में आकर स्नान किया तब वह पाप मुक्त हुए |तब इस तीर्थ का नाम ब्रम्ह क्षेत्र पड़ा |त्रेता में मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने जब रावण का बध किया तो भगवान राम को ब्रम्ह हत्या का पाप लगा | तब गुरु के कहने पर भगवान राम ब्रम्ह हत्या के पाप से मुक्त होने के लिए इस तीर्थ पर आये और स्नान किया | इस तरह से उनके पाप धुले और वो ब्रम्ह हत्या के पाप से मुक्त हुए | त्रेता युग से आज तक इस स्थान का नाम हत्या हरण कहा जाता है क्योंकि यहाँ स्नान करने से ह्त्या तक का पाप नष्ट हो जाता है |

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Gita Parihar

Gita Parihar 3 years ago

नवीन जानकारी दी, धन्यवाद

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