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प्रेम और गलतफहमी - Harsh Namdev (Sahitya Arpan)

कवितानज़्मअतुकांत कवितालयबद्ध कविताअन्यगीत

प्रेम और गलतफहमी

  • 287
  • 5 Min Read

एक लड़के की एक लड़की से मुलाकात हुई,
थोड़ा थोड़ा बातों से फिर लंबी लंबी बात हुई।
बात हुई और मिलने लगे जब विचार दोनो के एक से,
तब जाकर उनमें थोड़ा सा मोहब्ब्त की शुरुआत हुई।।

दिनभर बात वो करते रहते, बेबी/शोना/बाबू कर लड़ते रहते,
कुछ मीठी बातें, कुछ तकरारे आए दिन फिर होते रहते।
बात बढ़ी अब आगे की, कसमें खाने लगे अब जन्मों की,
शादी करेंगे हम दोनो पक्का, हरदम अब वो यही रटते रहते।।

ऐसी बातों बातों में ही, एक दिन एक छोटी सी घटना घटी,
लड़की की एक फोटो आई, जिसमें थी वो एक लड़के से सटी,
गलतफहमी ने लड़के पर, फिर विस्तृत अपना पैर पसारा,
और फिर इस गलतफहमी के कारण, बातें होने लगी कटी-फटी।।

वो कसमें वादे न्यारे प्यारे, झोंका चूल्हे पर जलाने को
दोनों ने न समझा वाजिफ, इस गलतफहमी को मिटाने को,
प्रतिदिन के परपंच से मानो, जैसी हो एक बला टली ,
ये सोचकर दोनों ही चल दिए मुसाफ़िर, फिर से नए दोस्त बनाने को।

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नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 4 years ago

बहुत खूब

Harsh Namdev4 years ago

धन्यवाद

प्रपोजल
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