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छोटी सी खुशी - Madhu Andhiwal (Sahitya Arpan)

कहानीलघुकथा

छोटी सी खुशी

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छोटी सी खुशी
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देव तुम क्यों चले गये ? ये प्रश्न रोली हमेशा देव की तस्वीर से रोकर पूछती पर जो इस दुनिया में है ही नहीं वह क्या जवाब देता । आज तो वह सुबह से ही रो रही थी क्योंकि आज होली थी उसको पिछली सारी घटनाएं व्यथित कर रही थी क्योंकि देव के मम्मी पापा ने और रोली के मम्मी पापा ने एक कठोर फैसला लिया रोली की दूसरी शादी का । देव बहुत ही हंसमुख और शरारती शख्स था । रोली से मुलाकात भी होली मिलन समारोह में हुई । मस्ती का माहौल हुड़दंगो की टोली । सब आपस में एक दूसरे को होली के रंगो में रंग रहे थे । कालोनी की कुछ लड़कियां शायद इस हुड़दंग से बचने के लिये पार्क के कोने में चुपचाप जाकर बैठ गयी थी । रोली सबसे अलग ही दिखाई देती थी । सांवली सलोनी रोली में एक गजब का आकर्षण था । वह बहुत ही गम्भीर प्रकृति की लड़की थी । देव की निगाह बहुत देर से बार बार उस पर अटक जाती । रोली के पापा का ट्रांसफर अभी कुछ समय पहले ही हुआ था । वह इस कालोनी में नया परिवार था । देव ने रोली के बारे में सब पता लगा लिया था । उसने आकर रोली पर गुलाल डाल दिया । रोली एकदम चिल्ला दी । देव ने बड़ी शरारत से और भोलेपन से कहा कि बुरा ना मानो होली है। सारी लड़कियां खूब जोर से हंसने लगी । रोली गुस्सा होकर घर चली गयी ।
दूसरे दिन रोली ओटो का इन्तजार कर रही थी देव ने अचानक उसके पास आकर अपनी बाइक रोकी रोली सकपका गयी । देव ने कल के लिये कान पकड़ कर बहुत भोलेपन से माफी मांगी । रोली उसकी इस अदा पर हंस दी । बस दोनों की मुलाकातें बढने लगी । प्यार कभी छिपता नहीं है। जब दोनों के परिवारों को पता लगी तो उन्हें भी कोई आपत्ति नहीं हुई क्योंकि दोनों अपने आप में सक्षम थे । रोली एक बैंक में कार्यरत थी और देव भी एक मल्टीनेशनल कम्पनी में था । दोनों की शादी बहुत धूमधाम से हुई । दोनों बहुत खुश थे और होली का ही इन्जार था क्योंकि होली पर ही दोनों के प्यार का बीज अंकुरित हुआ था पर शायद ईश्वर को यह खुशी मंजूर नहीं थी और एक दिन जब देव आफिस से घर आकर बिस्तर पर लेटा तो उठा ही नहीं । देव की मम्मी ने आकर उसे आवाज दी तो देव तो दुनिया से विदा होचुका था । डा. को बुलाया तो उसने कहा की इन्हें अचानक ब्लडप्रेशर बढ़ा और ब्रेन हेमरेज हुआ जब तक कोई मैडीकल सुविधा मिलती तब तक सब खत्म हो चुका था ‌। रोली को जब पता लगा उसका रो रो कर बुरा हाल था ।
जब उसकी सास और ससुर ने उसका हाल देखा तो वह भी रोने लगे । दोनों ने उसे समझाया बेटा हम एक बेटे को खो चुके हैं हम बेटी को नहीं खो सकते । तुम हमारी बेटी हो । देव की जगह तो नहीं भर सकते पर तुम हमेशा हमारी बेटी बन कर रहोगी । अकेले जीवन काटना बहुत कठिन है हम लोग नहीं रहेगे कौन तुम्हारा ख्याल रखेगा ‌। हमने बहुत सोच समझ कर अमित से तुम्हारी शादी का फैसला क्या है क्योंकि अमित मेरा भतीजा जरूर है पर परवरिश मैने ही की है । सबके समझाने पर उसने कहा मुझे कुछ समय दीजिये और आज उसने कहा मां यदि आपकी बेटी हूँ तो आप भी वायदा करिये कि आप रहेगी मेरे साथ ही । सास जी ने कहा बेटा हम दोनों तुम्हारे साथ ही रहेगे अमित और तुम्हारे साथ ही हम दोनों रहेगे । रोली देव की तस्वीर के सामने खड़ी थी सोच रही थी देव तुम हमेशा मेरे साथ रहोगे पर मम्मी पापा की भी खुशी भी मेरा कर्तव्य है।
कहीं यह गाना उसे सुनाई दे रहा था " छोटी सी खुशी ,छोटी सी हंसी छोटा सा टुकड़ा चांद सा......
स्व रचित
डा. मधु आंधीवाल
अलीगढ़

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