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बेवफा हम नहीं - Narendra Singh (Sahitya Arpan)

कवितागीत

बेवफा हम नहीं

  • 385
  • 4 Min Read

बेवफा हम नहीं
तू मेरा ना हुआ, मैं तेरी ना हुई।
एक मुकम्मल कहानी शुरू ना हुई।
खता क्या थी मेरी,
बताते तो तुम।
वादा भी करके
ना घर आये हो तुम।
हसरतों की कली ये जवां ना हुई।
तू मेरा......
तुम कह ना सके,
मैं सुन ना सकी।
बेवफा हम नहीं,
मेरा करना यकीं।
फूटी किस्मत हमारी हमारी ना हुई।
तू मेरा....
प्यार का सिलसिला,
ये अधूरा रहा,
दरिया सूखी रही,
समन्दर प्यासा रहा।
मेरी उलफत की बगिया हरी ना हुई।
तू मेरा ना.....
कभी तो मिलेंगे,
हम भी सनम।
चाहत में लेंगे,
जन्मों जनम।
मुहब्बत की अपनी रज़ा ना हुई।
तू मेरा ना हुआ मैं तेरी ना हुई ।।
नरेन्द्र सिंह नीहार
नई दिल्ली

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Bhawna Sagar Batra

Bhawna Sagar Batra 4 years ago

जी आपका ये गीत बहुत मार्मिक है कहानी में दर्शायी स्थिति कि तरह

Narendra Singh4 years ago

हार्दिक आभार महोदया

Narendra Singh

Narendra Singh 4 years ago

प्रेम का पंथ कराल है री। तलवार की धार पे धाविनो है।

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