Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
चिंटू की खुशी - Ritu Garg (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

चिंटू की खुशी

  • 173
  • 6 Min Read

*चिंटू* *की आवाज आई** ...........
मम्मी देखो जली जली हुई सी तिरछीरोटी पापा ने बनाई.....
पापा शर्माए सकुचाए,
बोले मैं नई-नई काम पर आ ई......
मैं कुछ वेतन नहीं लूंगी,
मुझे इस घर में रहने दो मेरी माई..
मम्मी भी सकुचाई सुनकर उनकी बात,
मन ही मन हंसी आ गई,
हंसी दबाकर मम्मी बोली..
कान खोल कर सुन लो तुम मेरी बात,
लॉक डाउन सुरु हुआ अभी है/
आज काम का पहला दिन है,
इसलिए करती हूं तुमको माफ...
हंसी दबाकर मम्मी बोली,
सुबह सवेरे जल्दी उठ जाना...
गरम चाय का प्याला लाना
फिर तुम झाड़ू भी लगाना..
सफाई का रखना ध्यान
समय पर बनाना तुम पकवान...
नहीं कोई बहाना चलेगा
मै भी लॉक डाउन में रहूंगी,
ताला होगा घर के बाहर
मन में मुस्कुराकर मम्मी बोली
टीवी देख कर इंजॉय करूंगी
तुम पर हुकुम चलाऊंगी,
पापा दुबक कर कोने में सुन रहे थे सारी बात....
सोच रहे थे...
मेरी बिल्ली मुझको म्याऊं,
लॉक डाउन में किधर मैं जाऊं.
मम्मी बोली उठो प्राण प्रिय.....
यह सुनकर पापा खुश हो गए,
मन ही मन खुश हो गए थे....
तभी अचानक मम्मी फिर बोली..
तुम हो मुझे प्राणों से प्यारे
तुम भी रखना मेरे प्राणों का ख्याल,
तुम भी याद रखना सारी बात।
😊 ऋतु गर्ग
सिलीगुड़ी
पश्चिम बंगाल
9933451122

16172961479531088187559352769827_1617296199.jpg
user-image
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
तन्हाई
logo.jpeg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg