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मैं मरूँगा - Sandeep Chobara (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

मैं मरूँगा

  • 131
  • 3 Min Read

मैं मरूँगा

मैं नहीं मरूँगा
किसी सड़क दुर्घटना में
नदी या तालाब में डूब कर !

मैं नहीं मरूँगा
किसी ज़हर के सेवन से
या नशे का आदि होने से !

मैं नहीं मरूँगा
पँखे से लटक कर
या किसी पेड़ पर झूल कर !

मैं नहीं मरूँगा
घरेलू कलह से व्यथित होकर
या अग्नि में झुलस कर !

देखना.....
एक दिन मैं मरूँगा
आत्मिक प्रियजन को स्मरण करके !

मैं मरूँगा
आत्मीय स्वजन के
न मिल पाने के दंश से
उनके बिसरा देने से.......!

☠️ #सन्दीपचौबारा ☠️
मौलिक एवं स्वरचित
07/04/2021

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नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

बहुत खूब जीवन का अटल सत्य है मृत्यु जो इसके भय को जीत लेता है वह सांसारिक मोह माया से मुक्त हो जाता है।

Sandeep Chobara3 years ago

जी बिलकुल

वो चांद आज आना
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तन्हाई
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प्रपोजल
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माँ
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