Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
मैं कुड़ी हरिद्वार की - नेहा शर्मा (Sahitya Arpan)

कवितालयबद्ध कविता

मैं कुड़ी हरिद्वार की

  • 127
  • 2 Min Read

जेड़ा आज वी निभाउना नी
जेड़ा कल की तो छड़ दित्ता

तैनू दिल विच रक्खा मैं
तू होर का तो होना नी

चल वादा कर बलिए
मैनूं कदी छड़ जाना नी

दिल नु यूं कहना नी
गल किसी होर दी बनाना नी

वो होर आशिक होवांगे
आपा मुड़ जाना नी

उन बेवफा गली विचों
मैनु बस जाना नी

किसी होर के बन जाना नी
किसी होर नू बसाना नी

नेहा की इन गल्ला नू
बस छड़ जाना नी

मैं कुड़ी हरिद्वार की
तू बाबा बन जाना नी - नेहा शर्मा

1617729413.jpg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
विदेशी शहर
IMG-20240518-WA0017_1716097452.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
आप क्यूँ हैं उनके बिना नाखुश
logo.jpeg