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दोस्ती - Madhu Andhiwal (Sahitya Arpan)

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दोस्ती

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दोस्ती---
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अमला एक शिक्षित महिला थी । अच्छा परिवार दो बड़े बच्चे अच्छा पति सब कुछ तो था उसकी जिन्दगी में । वह स्वतंत्र विचारो की महिला होने के साथ साथ अपने परिवार को पूरी तरह समर्पित थी । वह एक सामाजिक सोच की महिला थी ।सबकी सहायता करना अपना कर्तव्य समझती थी । उसके मित्रों की संख्या भी बहुत थी ,बात करने में तो सबका मन मोह लेती थी ।
इतना सब होने के बाद भी कभी कभी एक खाली पन होता था ।बच्चे बड़े थे घर आते ही इन्टर नैट शुरू होजाता था ,पति आते ही लैपटाप पर व्यस्त । उसने भी अपने को इन्टर नैट पर व्यस्त करना शुरू किया और एक नयी दुनिया शुरू हो गयी ‌। रात को उसने जैसे ही इन्टर नैट चालू किया एक मैसेज टपका हलो ,उसने देखा एक लडके का मैसेज आश्चर्य हुआ प्रोफाइल पर अमला ने रीयल फोटो लगा रखी थी फिर कैसे किसी युवा ने हलो कहा । उसने उसे जवाब दिया उसने कहा मै आपके शहर में रहता हूँ आपकी पोस्ट पढ़ कर आपसे बात करने का मन किया ‌आप मेरे से दोस्ती करोगी ।अमला बोली हां बिलकुल । वह बोला आप मेरी बड़ी दोस्त हो अमला बोली तुम मेरे छोटे दोस्त हो और दोस्ती का सिलसिला चलने लगा ‌। वह अपनी सारी परेशानी अमला को बताता और अमला उनका हल बताती । उसके माता पिता का देहान्त जब वह दो साल का था एक दुर्घटना में होगया था । वह चाचा चाची के पास रहता था । उनका व्यवहार सही नहीं था ।
उसको अमला से बहुत लगाव होगया अगर एक दिन भी अमला बात नहीं करती तो बैचेन हो जाता ‌।अमला भी एक संरक्षक की तरह उसको सलाह देती ।
अचानक एक दिन अमला की बहुत तबियत खराब होगयी जैसे ही उसने सुना वह तुरन्त आया पहली बार आमने सामने दोनों मिले अमला कुछ होश में थी उसने अपने पति को बताया ये मेरा मोबाइल वाला छोटा दोस्त है और बेहोश होगयी । उसको हार्ट अटैक हुआ था सब परेशान थे । छोटे दोस्त का तो रो कर बुरा हाल था ।बिडम्बना देखो कि अमला जो बेहोश हुई तो होश ही नहीं आया ‌।
सब रो रहे थे पर वह छोटा दोस्त चुपचाप अमला को निहार रहा था । वह उठा और दोनों हाथ जोड़ कर बोला विदा बड़े दोस्त और चला गया ‌।
स्वरचित #####
डा.मधु आंधीवाल एड
अलीगढ़

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दादी की परी
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