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मेरे घर का सामान - Minal Aggarwal (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

मेरे घर का सामान

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मेरे घर की ही तरह
मेरे घर का सामान भी
कितना सुंदर है
मेरे बगीचे की क्यारियों में लगे
फूल पत्तियों के रंगों की तरह ही
इनका रंग कितना शोख, चटख और
चमकीला है
कितना हसीन और
रंगीन है
मेरे ही स्वभाव की तरह
मेरे जी में आज आ रहा है कि
चलो थोड़ा सा नमक,
चाट मसाला, गरम मसाला,
नींबू का रस, इमली का
पानी आदि डालकर
इसे थोड़ा सा और
तीखा, नमकीन, चिरपिरा,
जायकेदार और मजेदार बनाते हैं।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) - 202001

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