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व्यंग्य - Priyanka priya Mishra (Sahitya Arpan)

कविताअन्य

व्यंग्य

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मैंने थोड़ा व्यंग्य तरीक़े से मुहावरे प्रयोग किया है।
(चित्रण इतना कि नेता जी बरसात के पानी में गिर गया था)

मैंने कहा-
पानी में उतर गये,
नेता जी बिफर गये।
ठंड सर्द हवाओं में,
नेताजी सिहर गए।

तब दोस्त ने हँसते हुये कहा-

आप तो पानी- पानी हो गए,
एक आँख से कानी हो गए
गिरे थे और गिर गये बनाई सड़कों में,
आप देशभक्ति की निशानी हो गए।

हम दोनों आपस में बात करने लगे-
कम से कम पगड़ी तो बचा लिए
शर्मशार आँखे भी छुपा लिए
पैरों से खड़े तो हुए, शायद पैरों पर खड़े हो जाये
तलवे चाटने के अलावा सिद्धांत बड़े हो जाये।

यह पूर्णता स्वरचित है।

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