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संग की मूरत - Seeta Tiwari (Sahitya Arpan)

कवितागीत

संग की मूरत

  • 188
  • 5 Min Read

दर दर भटका प्यार में तेरे
कितना दर्द सहा है जाना
उसपर तेरा ऐसे आना
नज़रे मिला के पलके झुकाना
शर्माकर यूं प्यार जताना
कर गया मुझको दीवाना
कर गया मुझको दीवाना

काली बदरिया सी कजरारी आंखे
उसपर तेरी मीठी बातें
झुकी हुई पलकों से तेरा
यूं इजहार ए मोहब्बत करना
कर गया मुझको दीवाना
कर गया मुझको दीवाना

उम्मीद में तेरी जीने लगा मैं
गम के आंसू पीने लगा मैं
आएगी तू इक दिन मेरे अंगना
खनकेंगे हरदम तेरे कंगना
महकेगी मेंहदी चमकेगी बिंदिया
और तेरा सिंगार करना
कर गया मुझको दीवाना
कर गया मुझको दीवाना

छनके जब तेरी पैजनिया
झूमे मेरा घर और अंगना
तेरी ये मुस्काती सूरत
लगती जैसे संग की मूरत
उसपर तेरा यूं इठलाना
कर गया मुझको दीवाना
कर गया मुझको दीवाना

चलकर मेरे घर है आना
ऐसे मुझको छोड़ ना जाना
बिछुरन तेरा तोड़ देगा
जीना दूभर हो जाएगा
सांसों का चलना रुक जाएगा
मार जाएगा ये दीवाना
मार जाएगा ये दीवाना
#सीता तिवारी

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पं. संजीव शुक्ल 'सचिन'

पं. संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 years ago

वाह वाह वाह बहुत सुंदर अभिव्यक्ति

Seeta Tiwari3 years ago

आपका बड़प्पन है सर

प्रपोजल
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वो चांद आज आना
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