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मैं पुकारुँ तुझे - Narendra Singh (Sahitya Arpan)

कवितागीत

मैं पुकारुँ तुझे

  • 249
  • 4 Min Read

अधूरी कहानी : भाग तीन
गीत : मैं पुकारुँ तुझे
ओ मेरे हमसफर, संग तेरे ये सफर।
चलता-फिरता रहे, लम्हा - लम्हा सफर।
मैं पुकारुँ तुझे, तू संभाले मुझे।
कभी रूँठू अगर, तू मना ले मुझे।
मैं सँवारुँ तुझे, तू सँवारे मुझे।
ये सुहाना सफर, सुन मेरे हमसफर!
चलता-फिरता रहे.....
तेरा - मेरा न कुछ, सब हमारा बने।
पलकों में मेरी, स्वप्न तुम्हारा बने ।
आइने में अक्स, साझा औ सकारा बने।
प्यार का सिलसिला, ओ मेरे हमसफर!
चलता-फिरता रहे...
हँसते-हँसते मिले, वक्त की चांदनी।
तेरी रुह में खिले, मेरी हर रोशनी।
मैं दीवाना तेरा, तू मेरी मोरनी।
ये अदा ये हया , तेरी कातिल नज़र ।
चलता-फिरता रहे....
नरेन्द्र सिंह नीहार
नई दिल्ली

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jyoti batra

jyoti batra 3 years ago

बहुत खूब

Narendra Singh3 years ago

हार्दिक आभार और अभिनन्दन

Chandra Makanday

Chandra Makanday 3 years ago

बहुत ही सुन्दर भावपूर्ण अभिव्यक्ति 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

Narendra Singh3 years ago

आपका हृदयतल से आभार

Bhawna Sagar Batra

Bhawna Sagar Batra 3 years ago

बहुत सुंदर

Narendra Singh3 years ago

हार्दिक आभार जी

Narendra Singh

Narendra Singh 3 years ago

तेरा मेरा सफर

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