Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
रात के आकाश में जागता एक चांद - Minal Aggarwal (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

रात के आकाश में जागता एक चांद

  • 245
  • 4 Min Read

क्या लिखूं
अपने दिल की दास्तान
एक दर्द का दरिया है
जिन्दगी सामने खड़ी है
थकती नहीं
लेती रहती है रोज
एक नया इम्तिहान
मैं तो रात के आकाश में
जागता एक चांद हूं
दर्द समेटे हैं सितारों के
छलका दूं तो बह जायेगा
जमीन पर एक शोलों का दरिया
शबनम की चांदनी को
इसीलिये हम ख्वाबों में
रात भर जगाये बैठे हैं
खत्म हो जायेगी
मेरे लहू की स्याही
यह जिन्दगी की कहानी
खत्म न होगी
सो जाते हैं
बहुत रात हो गई
सुबह होगी तो
बाटेंगे फिर कुछ किस्से कहानियां
रात के ख्वाबों के
टिमटिमाती सितारों सी यादों के
करेंगे फिर कुछ नये वादे
ऐ जिन्दगी तुझसे
तुम आगे अगर इन्हें
स्वेच्छा से निभाओ तो।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) - 202001

FB_IMG_1616203539297_1616206089.jpg
user-image
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
तन्हाई
logo.jpeg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
तन्हा हैं 'बशर' हम अकेले
1663935559293_1726911932.jpg