Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
भूली बिसरी हसीन यादें - Rajesh Kr. verma Mridul (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

भूली बिसरी हसीन यादें

  • 473
  • 5 Min Read

"भूले बिछड़े हसीन यादें"
=================
वह भूले बिछड़े हसीन लम्हे
जीवन में जो अबतक गुजारे

गांव की खुशबू भरी माटी में
बीते यादो को नैना अब निहारे

वह निश्चल सा बचपन की यारी
सिर्फ गुजर रहा यादों के सहारे

बचपन की कुछ खट्टी मीठी यादें
अब बह रही है भावनाओं के धारे

दादी की अनंत आंचल का प्यार
दादा का स्नेह, बहुत सारा दुलार

बुआ की प्यार व नेह की पुचकार
ताई ताऊ का निश्छल प्रेम अगाध

पापा और अम्मी की डांट फटकार
ननिहाल में ना-नानी की बेसुध प्यार

सावन में पेड़ों की डाली पर झूले
आम की डाली, कोयल की पुकार

अब बीत गये वह दिन, दोपहरी,
जो गुजर गये अब वो सुन्दर लम्हे,

नीज में थराई ये आंखें अब भी
अनंत चाह में बहुत ही है प्यासे

वह हसीन सा जिंदगी का लम्हा
बचपन से है जो अब तक गुजारे,

यूं अब वह सिर्फ यादे बनकर ,
बहते है नयनों से अश्रु के धारे,

वह हसीन सा जिंदगी का लम्हा ,
खुशी खुशहाल जो अब तक गुजारे
-----------------------------------------
@©✍️ राजेश कु० वर्मा मदुल
गिरिडीह (झारखण्ड






IMG_20210225_183348_1615660578.jpg
user-image
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
तन्हाई
logo.jpeg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg