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बहुत याद आती - Sarla Mehta (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

बहुत याद आती

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बहुत याद आती

बलखाती इठलाती वो नदी
मेरे गाँव की इकलौती नदी
गाहे ब गाहे बहुत याद आती

दर्पण सा झिलमिलाता पानी
मछलियां रंगबिरंगी दीवानी
नृत्य निराला मुझे याद आता

सूरज किरणों का दृश्य अनूठा
प्रतिबिम्ब लहरों पर उभरना
झलकता इंद्रधनुष याद आता

घांटों पे जाकर डुबकी लगाना
मल्हार गीतों का गुनगुनाना
अल्हड़ बचपन है याद आता

पूनम पर पूजा थाल सजाना
नदी पर बहती दीपों की माला
जगमग दीवाली है याद आती
सरला मेहता

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Kamlesh  Vajpeyi

Kamlesh Vajpeyi 3 years ago

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