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माँ बेटी संवाद - Sarla Mehta (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

माँ बेटी संवाद

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माँ बेटी---संवाद

ना मांगू मैं धन दौलत
ना मांगू चांदी सोना
माँ बस मुझको दे दे
आँगन का इक छोटा कोना

जब तू भी आने वाली थी
वो पल फिर याद करो ना
तूने भी माँ चाहा था ना
अपनी माँ के घर का कोना

जब तेरे घर आऊं माँ
ज्यादा कुछ तू ना करना
नेह भरी दृष्टि देना मुझको
अपने आँचल में छुपा लेना

दूर मुझे कभी ना करना
बस इतना याद तू रखना
भैया के संग देना मुझको
इक छोटा सा तू बिछौना

नहीं चाहिए दूध मुझे
या महंगा सा खिलौना
भैया को चांदी का चम्मच
मुझको भाता पत्ते का दोना

सारा काम मैं कर दूँगी
तुझको नहीं मुझे थकाना
पापा के सर की मालिश
तेरे पैरों का रोज दबाना

तू क्यों चिन्ता करती माँ?
अब तो मैं हूँ ना ,,,माँ
अब मेरा वादा है तुझसे
भटके भैया को समझाना

बेटी की ये बातें सुन कर
माँ को आया रोना
बाहों में भर लगा दिया
भाल पे काजल का डिठौना

अरे तुमसे ही तो रोशन है
घर का हर कोना कोना
भैया पापा का हो तुम
सपना एक सलौना

इस घर की तुम अस्मत
और हमारा मंहगा गहना
आओ तुमको मैं सीखा दूँ
तूफान से कैसे लड़ना
सरला मेहता

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Sudhir Kumar

Sudhir Kumar 4 years ago

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