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"नारी के सोलह श्रींगार " - Nisha Sahu (Sahitya Arpan)

कहानीप्रेरणादायक

"नारी के सोलह श्रींगार "

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नमस्कार
हर हर महादेव 🙏

"नारी के सोलह श्रींगार "


एक लड़की और,  एक औरत की ही 
ज़िंदगी इतनी मुश्किल क्यूँ  हैं;
क्यूँ हैं मुश्किल एक लड़की होना!
  
  अब यही देखलो कहने को तो सोलह श्रंगार एक औरत के हैं  और श्रंगार के बिना एक औरत अधूरी हैं;
ये बात एक लड़की को उसके बचपन से ही सिखाई जाती हैं!
 
अब एक लड़की बचपन से ही इसी इंतजार में रहती हैं,  कि वो भी श्रंगार करे!
इसी लिए वो खेल खेल में ही अपनी माँ की साड़ी पहने,  बिंदी लगाए,  हाथों में चूडियां पहन कर, लाली लिपस्टिक लगाने वाले खेल खेलती हैं!

मगर लड़कियों को बोला जाता हैं अभी ये सब नहीं करो,
जब तुम्हारी शादी होगी तब श्रंगार करना!
अब ये मासूम सी लड़कियाँ बचपन से ही अपनी शादी का इंतज़ार करने लगती हैं, 
और ना जाने कितने सारे सपने देखने लगती हैं!
 
  अब जब ये लड़कियाँ बड़ी हो कर शादी कर अपने पिया के घर जाती हैं,  तब उसको वहां भी यही बोला जाता है कि अच्छे से तय्यार हो कर,  श्रंगार कर के रहो तुम अभी नयी नवेली दुल्हन हो!
 
फिर धीरे धीरे समय बीतने लगता है और इन्ही ल़डकियों को बोला जाता है ये देखो शादी को इतने साल हो गये मगर ऐसे सोलह श्रंगार करके रहती हैं जैसे कि नयी नवेली दुल्हन हो,  ना जाने किसको दिखाना हैं इसको!

अब आप ही बताइए ये क्या बात हुई यह जो सोलह श्रंगार है किस के लिए हैं,  एक औरत के लिए ही हैं ना
फिर एक औरत ही श्रंगार ना करें !
मैं पूछना चाहती हूँ क्यूँ अगर एक लकड़ी,  एक औरत तय्यार होती हैं तो क्यों उसको ये बोला जाता है कि किसको दिखाना है!

  बात बहुत ही ग़ौर करने की है,  कि एक तरफ तो हम  इन्हें देवियों का दर्जा देते हैं , देवियों के रूपों से इनकी
तुलना भी करते है,  और तो और हम इनको देवियों के नाम से भी संबोधित करते है  जैसे दुर्गा, अन्नपूर्णा, सरस्वती, वक़्त आने पर काली और लक्ष्मी
तो आप ही बताइए क्या आपने कभी देवियों को बिना श्रंगार के देखा है नहीं ना,
फिर क्यूँ  साधारण सी लड़कियों और औरतों को यह बोला जाता है कि श्रंगार करके किसको दिखाना हैं!

क्या एक लड़की खुद के लिए तय्यार नहीं हो सकती वो भी तो आईने में खुद देखती हैं,
श्रंगार  लड़कियों का औरतों का जन्मसिद्ध अधिकार हैं;
श्रंगार औरत के लिए ही बने है,  और श्रंगार के बिना एक औरत अधूरी है!


लेखिका
"निशा साहू "
कोटा ( राजस्थान )
18/03/2021

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