Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
तेरे मेरे दरमियां - Mamta Gupta (Sahitya Arpan)

कवितालयबद्ध कविता

तेरे मेरे दरमियां

  • 187
  • 3 Min Read

तेरे मेरे दरमियां
*****************

तेरे मेरे दरमियां न जाने कब एक रिश्ता बन गया..
दोस्ती के सफर में न जाने कब हमसफ़र बन गया..

पता नही कब औऱ कैसे गलतफहमियां बढ़ गई...
छोटी-छोटी सी बातें क्यों राई का पहाड़ बन गईं..

कुछ अधूरे ख्वाब न जाने क्यों पूरे न हो सके..
बिन कहे दिल की बात न जाने क्यों न समझ सके..

अधूरी कहानी पर खामोश अब लबो का पहरा हैं..
शब्दों की चोट रूह पर लगी,इसलिए दर्द गहरा है..

अपने ही देते दर्द,दर्द गैरो ने दिया होता कोई बात नही..
दर्द भी अपना है,दर्द दवा भी अपना है कोई बात नही..

तेरे मेरे दरमियां रिश्ते में अब फर्क बस इतना है..
तू अभिमान में 'जी' रहा, मुझे रिश्तो में जीना मरना है..

ममता गुप्ता✍️

1616039433.jpg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
तन्हा हैं 'बशर' हम अकेले
1663935559293_1726911932.jpg
ये ज़िन्दगी के रेले
1663935559293_1726912622.jpg