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"नारी" - कुलदीप दहिया मरजाणा दीप (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

"नारी"

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समर्पण का गहना
ममत्व से भरा सँसार,
*****
क़ायनात की खूबसूरत रचना
आँचल में प्यार ही प्यार,
*****
झील सी कोमल, शांत, गहरी
आँगन में तुम्हीं से बहार,
*****
निर्मल,परम् पावन गंगा सी
वैभव है तेरा संसार,
*****
"दीप" जलाती ख़ुशियों के
अदभूत,अजब अवतार
 *****
कुलदीप दहिया "मरजाणा दीप"
हिसार ( हरियाणा )

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