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प्रेम-पत्र - Meeta Joshi (Sahitya Arpan)

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प्रेम-पत्र

  • 388
  • 10 Min Read

गुलाबी गाल के ऊपर उसके सुर्ख काले घुँघराले बालों की लट और ऊपर से आँखों में लगा गहरा-काला काजल हर किसी को दिवाना बना दे।मैं जब भी उसे बालकनी में लगे पौधों से अठखेलियाँ करते देखता उसकी एक झलक पाने को बेताब हो उठता।कभी-कभी लगता नजरें मिलने को ही हैं,इतने में वो नजरअंदाज कर पलकें झुका लेती।दिखाई देता था तो बस आंँखों में लगा गहरा काला काजल और ये काजल दिन-प्रतिदिन मुझे उसकी ओर आकृष्ट करता गया।अब उसके बालकनी में आने का इंतजार...ये मेरा,रोज का किस्सा बन चुका था।किसी से पता किया सुमन नाम है,अभी नए शिफ्ट हुए हैं।जब भी उसकी एक झलक पाने को अपनी बालकनी से तांका-झांकी करता उसका भाई पहरेदार सा,हर समय सामने आ खड़ा हो जाता।लंबे समय तक ये सिलसिला यूँ ही चलता रहा।आज हिम्मत कर प्यार का इज़हार कर ही दिया।जैसे ही वो बालकनी में दिखाई दी पत्थर में रख प्रेमपत्र पहुँचा दिया।वो आवाज़ सुन,यहाँ-वहाँ ढूंढ रही थी।बड़ी जद्दोजहद के बाद उसे वो पत्थर मिला।पत्थर में लिपटा प्रेम-पत्र उसके हाथ में था और भाई सामने।मैं,अपने लिखे शब्दों पर डर गया।मैंने स्पष्ट लिख दिया था,"मैं तुम्हारी गहरी काली आँखों में डूब जाना चाहता हूँ।अपनी नजरें इनायत कर, मेरे प्रेम को स्वीकृति दे दो।"
अगले दिन जवाब सिर्फ दोस्ती में नहीं,शादी के प्रस्ताव सहित आया।भाई की मौजूदगी में जब मैंने हामी भर दी तो उसने अपनी गहरी-काली,करीने से काजल लगी नजर पहली दफा मेरी तरफ घुमाई।मैं मूक दर्शक था,ये सब क्या है!मुझे अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हो रहा था!मैं निरुत्तर वापिस चला आया।अब भाई के परेदारी का राज समझ आया और साथ ही ये भी कि जवाब उसकी तरफ से भाई ने दिया होगा।सब जान-समझ कुछ दिन मैंने खिड़की बंद रखी।
एक दिन देखा,तो काजल आँखों से कहीं खो चुका था,चेहरे का आकर्षण कहीं जाता रहा और गालों की लालिमा.. मुरझाई हुई थी।
किसी से पता चला एक दरिंदा विवाह का प्रस्ताव रखने के बाद उसकी असलियत जान उसके विश्वास और अरमानों का खून कर गया है।
वो देख नहीं सकती लेकिन भाई से प्रेम-पत्र में लिखे शब्दों को जान,मन की आंँखों से महसूस तो कर सकती थी।उस दिन से उसने काजल लगाना बंद कर दिया है।
यदि आप किसी के लिए कुछ कर नहीं सकते तो किसी की भावनाओं के साथ खिलवाड़ भी मत कीजिए।
©मीताजोशी

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Bina Chaturvedi

Bina Chaturvedi 3 years ago

दुखद

Vijaykanta Pareek

Vijaykanta Pareek 3 years ago

Marmik chitran

Mukesh Joshi

Mukesh Joshi 3 years ago

ओह!मार्मिक

Bhavay Joshi

Bhavay Joshi 3 years ago

Bahut achhi kahani👌

Meeta Joshi3 years ago

धन्यवाद🙏

Seema krishna Singh

Seema krishna Singh 3 years ago

Beautiful story 👏❤️😊 love story ❤️

Meeta Joshi3 years ago

Thanks🙏❤️

नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

अरे वाह आप तो सीख गई 😍😘

Meeta Joshi3 years ago

धन्यवाद नेहा जी🙏❤️

Shivangi lohomi

Shivangi lohomi 3 years ago

Superbbb👏👏👌👌never hurt anyone's true feelings 💓💓👍👍

Meeta Joshi3 years ago

👍❤️❤️

दादी की परी
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