कविताअतुकांत कविता
तारीफ वही करता है
मेरी
जो मुझे जानता नहीं
जो मुझे जानता है
वह अचंभित रहता है
विस्मित रहता है
दिल ही दिल में
एक अंगीठी में
जलते कोयले सा
भभकता है
तारीफ नहीं करता और
करता भी है तो
बेमन से
तारीफ की भूख किसे है
पर तारीफ के लायक
कोई हो तो
उसकी तारीफ करने में
बुराई भी कुछ नहीं है
तारीफ किसी की करने में भी
इतनी कंजूसी
या यूं कहें
हीरे सी
सुंदर चीजों की शुद्धता को
परखने की
लोगों में काबिलियत ही
नहीं है।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) - 202001