Or
Create Account l Forgot Password?
कवितालयबद्ध कविता
दर्द गहराता गया कोई चुपके -चुपके मेरे जख्मों को सहलाता गया...! न वो भोर हुई जिसमें मेरे दर्द की दवा मिले सुलकते भावों में मैं अपने आप को बहलाता गया....!!
बहुत खूब
धन्यवाद