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मेरी तमन्नाओं का - सोभित ठाकरे (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

मेरी तमन्नाओं का

  • 151
  • 2 Min Read

अल्फाज़ों को जोड़कर
रंग भरा उनमें
भावनाओं का
कि इन्हें ही देखकर
जग उठता है
हर एक ख्बाव
मेरी तमन्नाओं का
दस्तक सुनाई पड़ती है
खट्टी -मीठी आहटें भी
साथ लाती एक अहसास नया
महकती फ़िज़ा को देखकर
लग रहा है
इन पर भी असर हो रहा है
किसी की दुआओं का
~ सोभित ठाकरे

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Naresh Gurjar

Naresh Gurjar 4 years ago

वाह क्या खूब लिखा है आपने

सोभित ठाकरे4 years ago

सादर आभार

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