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मन के भाव - Seeta Tiwari (Sahitya Arpan)

कवितालयबद्ध कविता

मन के भाव

  • 291
  • 4 Min Read

हौसला तुम्हारा बुलंद हो इतना
मन के भाव पूरे कर जाओ
जीवन हो संघर्षमय जितना
हंसते मुस्कुराते चलते जाओ
मिल जाएगी मंजिल तुमको
हारेंगी परिस्थितियां विपरीत
चलना गिरना गिरकर उठना
जीवन की है यही सब रीत
मुड़कर पीछे ना देखना तुम
बस बढ़ते ही चलना तुम
पाओगे मंजिल जाओगे जीत
मनुष्य होना क्या कम है
जो तुम रोते हो हमको गम है
चलते हो तुम पैरों पर
उनको देखो जो पूरे अपंग है
फिर भी हिम्मत ना हारे वो
झंडे बुलंदी पर गाड़े वो
क्या तुम उनसे भी बदतर हो
क्यों खुद को समझते कमतर हो
एक दिन वर्चस्व बढ़ाओगे
माता पिता का नाम रोशन कर जाओगे
बस,हौसला तुम्हारा बुलंद करो इतना
हर मंजिल पा जाओ तुम
मन के भाव पूरे कर पाओ तुम#maithili

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Ritu Garg

Ritu Garg 3 years ago

बहुत सुंदर

jyoti batra

jyoti batra 3 years ago

अति उत्तम

प्रपोजल
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माँ
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वो चांद आज आना
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तन्हाई
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