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गीत - डॉ अनुराग पाण्डेय (Sahitya Arpan)

कविताअन्य

गीत

  • 90
  • 2 Min Read

गीत हो तुम मेरी,
मैं तेरा साज हूँ।
मेरे पंखों की तुम,
ही तो परवाज हो।।
तेरे ख्वाबो में आता हूँ,
मैं हर एक रात ही।
मैं तेरे पहले इश्क का,
सरताज हूँ।
तेरी चिट्ठी का मैं हूँ,
हर एक शब्द भी।
तेरी सरगम का भी,
मैं ही आवाज हूँ।
डॉ अनुराग पाण्डेय

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नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

बहुत खूब 👌🏻

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