कवितागीत
बसंत दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
Sahityarpan.कॉम
Sahity arpan के जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
बसंत पंचमी के उपलक्ष्य पर पटल पर काव्य प्रतियोगिता में मेरी रचना--
विषय- बसंत
नवकुसुम ने सांस ली,पेड़ देखो खिल रहे,
खेत और खलिहान देखो नाचते से दिख रहे,
पुरवा भी मंद मंद देख के मुसकाई है
तेरी याद आई हैं -2
कोयल भी कूक रहीं शहनाई घोलती
धरती दुल्हन सी लगे, आँखों में डोलती
चहचहा के चिड़ियों ने ले ली अंगड़ाई हैं
तेरी याद आई हैं-2
फागुन में रंगो की हैं फुहार हो गईं
बीते उन लम्हों को सोचते में खो गई
रंगों के कण कण में यादें समाई हैं
तेरी याद आई हैं -2
प्रियंका मिश्रा
विजयराघव गढ़
कटनी (m.p)