कविताअन्य
बद से बदनाम कई
है उनका कोई नाम सही ।
हस्तियां ईमान कई
मीटगयीं सरेआम यहीं
हुआ ना उनका नाम कोई ।
ज़िन्दगी की उथल पुथल में ...
डुबे रहे गुमनाम यहीं
फिर एक दिन उसने पूछा ...
क्या तेरा भी है नाम कोई ?
बद से बदनाम कई
है उनका कोई नाम सही ।
ए ज़िन्दगी जिए जा ...
पर कर जा तू भी काम कोई
ले तेरा भी नाम कोई।
---पिंकी वर्मा