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मेरी कविताएं - सोभित ठाकरे (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

मेरी कविताएं

  • 171
  • 5 Min Read

मेरी कविताएँ
अन्तरह्र्दय के अनगिनत भावों को समेटे हुए
भाव जो सागर समान गहरे
नदियों समान चंचल
झरनों समान उत्साहित
पर्वत समान कठोर
फूलों समान कोमल
चाँदनी समान शीतल
धरती समान पवित्र
आकाश समान ऊँचे
उदासियों में मर्म छिपाए
खुशियों में पंछी समान चहचहाते
चिंतन में डूबे
जिम्मेदारियों को समझाते
बीते कल और आज के साथ आने वाले कल की आशाओं की ओर ताकते हुए
एकांत के पहलू में सुने जीवन मे
आकार प्रकार से परे
एक -एक क्षण में सौ -सौ बार जिया है मैंने मेरी कविताओं को
किंतु अपूर्ण से लगते हैं ये भावों के मोती
निराशाओं , तनावों और व्यथित ह्रदय
उसमें उपजे हर पल -पल द्रवित करते परिवर्तन
अंधेरों भरे रास्तों में
मुश्किलों से टकराते हुए
स्वयं में आत्मविश्वास भरकर
सही मायनों में
क्या मैंने जीवन को जिया है ??
हो सकता है
इन अपूर्ण भावों में
मैंने स्वयं को बार -बार असहाय और दीन पाया हो
पर आज मैं यह कह सकती हूँ इन कोरे पन्नों पर उकेरी गई
मेरी हर कविताओं ने मुझे गढ़ा है
नया रूप दिया है
सहारा अपना देकर मुझे
मेरी कुंठाओ से मुक्ति का पर्याय बन गई हैं
मेरी कविताएं

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Naresh Gurjar

Naresh Gurjar 3 years ago

बेमिसाल बेहिसाब

सोभित ठाकरे3 years ago

धन्यवाद जी

वो चांद आज आना
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तन्हाई
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