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गीत "जिंदगी की कहानी" - Beena Phulera (Sahitya Arpan)

कवितागीत

गीत "जिंदगी की कहानी"

  • 280
  • 5 Min Read

जिंदगानी की कहानी " गीत

ना चिठ्ठी हैं कोई न संदेशा मिला है
एक परिंदा हुआ घर से अपने जुदा हैं
अपनी ये कहानी वो सुनाए यहाँ किसको
पिहुँ पिहुँ करता पपीहा हो जैसे ।

अंधेरों में गम के सोया हुआ
तन्हाइयों में था वो खोया हुआ
कोई बादल घनेरा आकर उसको
सिमट गया बाहों में अपनी लपेटे हुए।

फिर बरसा जो पानी भीगी जवानी
बढ़ने लगी संग उसकी कहानी
कर दिया उसने रोशन आकर के मुझको
दिए को दिए से जलाते हुए ।

पढ़ने लगे हम खत प्रेम के फिर
मचल उठा बन घटा सावन जीवन में
चले आये ये नजारे बहकाने हमको
प्यार के झोंके बहने लगे बहकाते हुए ।

दिया ये प्यार का दिल मे जलने लगा
गुंजन गीत नीरव मन में गाने लगा
माफ करना दोष देना न मुझको
मुस्कुराने लगा हूँ गीत गाते हुए, गुनगुनाते हुए।

कुछ कदम ही चला हूँ अभी पर चला
वेवफा मैं नही ए वफ़ा तू बता
ये रोशनी आओ उतर रास्ते मुझको दिखाओ
सबको साथ ले चलू हँसते और हंसाते हुए।

बीना फूलेरा
उत्तराखंड देवभूमि

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Ankita Bhargava

Ankita Bhargava 3 years ago

मैम कृपया अपनी रचना को प्रतियोगिता के लिए एड कर दें और रचना के कवर पिक में अपनी तस्वीर की जगह रचना से संबंधित कोई तस्वीर लगा दें

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