Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
दूर है - Sandeep Chobara (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

दूर है

  • 132
  • 2 Min Read

तुम भी मुझसे
उतने ही दूर हो
जितना आकाश
धरती से दूर है

जैसे दुर्लभ है
धरती और आकाश का
एक हो जाना
वैसे ही हम दोनों का
मिल पाना दुसाध्य है

दूर से ही
तुम्हें देखना
और तृप्ति से
कल्पना के आलिंगन में लेकर
अतृप्त रह जाना
आह! दुखदायी है.....!

#संदीप चौबारा
फतेहाबाद

inbound1843845298509468589_1613572103.jpg
user-image
नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

बहुत खूब

वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
तन्हाई
logo.jpeg
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg