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मेरी जिंदगी में चली आना - Rishi Ranjan (Sahitya Arpan)

कवितागीत

मेरी जिंदगी में चली आना

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मेरे दिल में उतर आई हो अब ; मेरी जिंदगी में चली आना
तुमसे जुड़ चुकी है खुशियाँ मेरी ; अब मुझे मत ठुकराना
तुझ जैसी कहीं मिली न मुझे ; मैंने ढूंढा सारा जमाना
तेरे लिए लड़ जाऊँगा दुनिया से मैं ; तुम कभी मत घबराना
मेरे दिल में उतर आई हो अब ; मेरी जिंदगी में चली आना....!

सबसे कीमती चीज इस दुनिया की ; लगे मुझे बस तेरा मुस्कुराना
तेरी एक मुस्कुराहट पर मैं ; न्योछावर कर दूं ये सारा जमाना
कहीं नजर न लग जाए तुझे मेरी ; तुम हमेशा काजल लगाना
मेंहदी की रंग पड़े न फीका ; उसमें मेरा नाम छपवाना
मेरे दिल में उतर आई हो अब ; मेरी जिंदगी में चली आना....!

तेरी ये भी अदा पसंद है मुझे ; खिड़की खोल चुपके से मुझे देख जाना
जब नजर न आऊं खिड़की से मैं ; दबे पाँव छत पर चले आना
हसरत है मेरी भर लूं तुझे बाँहों में ; अब मुझसे नजर न चुराना
बिखरी-बिखरी जुल्फें तेरी ; बनाएं मुझे तेरा दिवाना
मेरे दिल में उतर आई हो अब ; मेरी जिंदगी में चली आना....!

एक जान क्या सौ जान लूटा दूं ; तुझसे ही है मेरा अफसाना
तेरी कमर में हाथ हो मेरा ; जीवन भर अब साथ हो तेरा
दुनिया पूछे जब संबंध हमारा ; मुझे अपना प्रियतम बताना
जी ना पाऊंगा अब बिन तुम्हारे ; तुम मुझे कभी ना भूलाना
मेरे दिल में उतर आई हो अब ; मेरी जिंदगी में चली आना....!

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