कवितालयबद्ध कविता
एक और कविता प्रेम पर। अब तो दो ही दिन बचे हैं बीच में।
तुम रूठना मैं मनाऊंगी।
तुम मान जाओगे जब
मैं रूठ जाऊंगी।
कुछ इस तरह पिया मैं।
भारतीय वेलेंटाइन डे
तुम्हारे संग मनाऊंगी।
तुम दोगे जब रोज मुझे
मुंह छुपाकर हँसुंगी
आड़े टेढ़े मुंह बनाकर
मैं कुछ नखरे भी करूँगी।
पकड़ी जाऊंगी जब मैं।
तब तुम्हे बाहों में भरूँगी।
पिया तेरे संग मैं भारतीय
वेलेंटाइन डे मनाऊंगी।
जब चिढाओगे मुझे
मायके जाने की धमकी दूँगी।
पर कसम तुम्हारी तुम्हे छोड़
मायके में पैर ना धरूंगी।
तुम कह लो चाहे पागल
या मजाक उड़ा लो मेरा
पर मैं तेरे संग ही खाना खाऊँगी।
मैं तो अब भारतीय
वेलेंटाइन डे ही मनाऊंगी। - नेहा शर्मा