कवितानज़्म
चल रहा है जमाने में बहुत,आनलाईन इश्क़
आशिको की बना हुआ है,लाईफलाईन इश्क़
इल्कट्रिक तरंगों से होती है दिलों कि सौदेबाजी
फेसबुक, इंसटा पे होती है जारी,गाईडलाईन इश्क़
कसमें वादे होते थे कभी कश्मीर की वादियों में
अब कीबोर्ड की इमोजी से होता है,सनसाईन इश्क़
नजरों से नहीं होते आजकल इश्क़ में इशारे
लाईक, कमेंट से ध्यान खींचे,हेल्पलाईन इश्क़
कितना चाहा यार को"नरेश" अगूंठे घिसाये बहुत
अगूंठी पहना गया कोई दुजा हुआ आफलाईन इश्क़
~~ नरेश बोकण गुर्जर ~~
हिसार, हरियाणा