कविताअतुकांत कविता
अपने होठों पर तेरा नाम सजा रखा हैं।
तेरे होंठो पर भी हो मेरा नाम बस
ये अरमान सजा रखा हैं ।।
दिल धड़क जाता हैं सिर्फ तेरे नाम से
कभी तू भी सुन इस दिल की धड़कन बस ये अरमान सजा रखा है.......
हर ख्वाब में अपने तेरा ही ख्याल छुपा रखा है।
कभी तुझे भी मेरा ख्याल आये
बस ये अरमान सजा रखा है.......
एक रिश्ते में बंध एक जान हो जाये
जीवन साथी बनाने का ख्वाब सजा रखा हैं........
बस अरमान पाल रखा हैं।।
मुलाकात होगी हमारी कभी तो , अपने प्यार का धागा बांध रखा है ...
मुश्किल दौर गुजर जाए , कभी तो मिलेंगे हम तुमसे , बस ये अरमान सजा रखा है ...
धड़कते हुए दिल को अपने सीने में छुपा रखा है ...
तेरे सिवा किसी ओर पर न मिट जाए बस ये अरमान सजा रखा है ...
बेबुनियाद बातो का ख्वाब सजा रखा हैं।
अपने इश्क का पूरा मकान बना रखा हैं.......
बस ये अरमान सजा रखा है।।
एक नजर तो देख मुझे,ये क्या हाल बना रखा है तेरी खातिर हर खुशी को बेहाल बना रखा है दिल मे बस तेरा ही अरमान सजा रखा हैं....
ममता गुप्ता
मौलिक व स्वरचित