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कविताअन्य
कलाकार बनूं, या ना भी बनूं। पर इंसान तो अच्छा बन जाऊं। हॅंस कर मैं चुरा लूं ग़म सारा.. चाहूं बस यही, हरपल चाहूं।। - आकाश त्रिपाठी (जानू)