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संकल्प - Manju Lata (Sahitya Arpan)

कहानीलघुकथा

संकल्प

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संकल्प
आज धनिया बहुत ही खुश थी जैसे आज ही वह नवेली दुल्हन हो । शादी हुए नौ साल हो गए पर कभी भी खुशी नही देखी थी । उसका पति सुंदर कमाता भी ठीक था उसके खुद के किराणा की दुकान थी पर रोज शाम होते ही शराब पीना धनिया से मार पीट करना रोजमर्रा का काम था। शादी की पहली रात को भी पीकर ही आया था धनिया की सब खुशी धाराशायी हो गयी सारे अरमान उसके दबे रह गए । सुंदर के सभी दोस्त भी उसके जैसे ही थे । अब तो दो बच्चे भी हो गए पर वह नही सुधरा। धनिया बहुत ही सीधी थी सब चुपचाप सहन करती क्योकि वह मायके भी नही जा सकती वो तो बहुत ही गरीब थे पिता का भी देहांत हो चुका था माँ बूढ़ी क्या करें। एक दिन सुंदर को खून की उल्टियाँ होने लगी यह देख धनिया घबरा गयी अब क्या करे दोस्तों को बुलावा भेजा कोई नही आया सुंदर के परिवार वाले भी नही आए तव धनिया नही जानते हुए भी पास के अस्पताल में ले गयी उसने सुंदर की खूब सेवा की। सुंदर को अहसास हो गया कि दोस्त किसी काम के नही है । वह अब धनिया से प्रेम करने लगा था । दो दिन बाद नया साल आया तो वह बच्चों के लिए नए कपड़े और धनिया के लिए नयी साड़ी लाया । पहली बार वह धनिया को तोहफा देते हुए उससे माफी मांगी और कहा कि अब वह संकल्प लेता है कि कभी भी शराब के हाथ भी नही लगाएगा और सबका ख्याल रखेगा । यह नया साल धनिया के जीवन में खुशियाँ लेकर आयाऔर वे हँसी खुशी रहने लगे ।

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Ankita Bhargava

Ankita Bhargava 3 years ago

अच्छी कोशिश। अपनी कल्पना को और पंख फैलाने दीजिए😊😊

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