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प्रेम इश्क मोहब्बत - नेहा शर्मा (Sahitya Arpan)

कवितालयबद्ध कविता

प्रेम इश्क मोहब्बत

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मोहब्बत का तीसरा दिन यानी चॉकलेट डे। एक और प्रेम कविता 😘
◆◆◆◆◆◆◆◆◆

ज़िन्दगी की राह में अब,
हाथ में तुम्हारा हाथ लिया।
दिल में अपनी चाहत का,
दिया भी देखो जला दिया।
तुम बूंद समंदर की बन जाओ,
मैंने खुद को प्यासा बना लिया।
हाथों में थामा हाथ तुम्हारा,
मैंने जीवन साथी बना लिया।
मांग सिंदूरी बाकी है बस,
मैंने जीवन अपना सजा लिया।
तेरी प्रेम की अग्नि में दिलबर,
मैंने तन को अपने तपा लिया।
पाकर तुझको नेहा पूरी है,
मैंने नेह से घर अपना बना दिया। - नेहा शर्मा

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