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तेरी यादें। - आकाश त्रिपाठी (Sahitya Arpan)

कविताअन्य

तेरी यादें।

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कितना सताती हैं यादें तेरी,
जब-जब अकेला होता हूं मैं।
कैसे दिखाऊं मैं हाल-ए-जिगर,
छुप - छुप कर तन्हा रोता हूं मैं।।

- आकाश त्रिपाठी (जानू)

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