कहानीअन्य
दीपा बहुत हंसमुख
और साफ दिल वाली लड़की थी, सब की खुशियों में अपनी खुशी ढूंढना तो जैसे उसने अपनी जिंदगी का मकसद बना लिया था
दोस्त ,परिवार ,रिश्तेदार,
किसी का भी बर्थडे एनिवर्सरी,
तो उसके दिमाग के कंप्यूटर में ऐसे फिट रहते ,
कि एक बार तो गूगल भी भूल जाए पर वह नहीं भूलती,
2 दिन पहले से ही सब की फोटो ढूंढ ढूंढ के इकट्ठा करती वीडियो बनाती फ्रेम से सजाती उसके लिए गाना चुनना उस पर क्या लिखना है ,
इन्हीं सब में अपना समय व्यतीत करती,
पर एक दिन उस बेचारी का दिल टूट गया जब उसके अपने घर वालों ने कहा कि "बच्चे "नहीं है ना इनके,
तो सारा दिन दूसरे के बच्चों में ही लगी रहती हैं।
उस दिन बेचारी बाहर से ही नहीं अंदर से भी टूट गई ।
खुद को सबसे दूर करने लगी ,
पति अपने कामों में उलझे रहते उनका ध्यान उस तरफ जाता ही नहीं कि दीपा किस दर्द से गुजर रही है
फिर हमसफर बना सोशल मीडिया ,अब दीपा अपनी खामोशी को अपने शब्दों में पिरो कर सोशल मीडिया को सुना देती है और अपना मन हल्का कर लेती है
स्वरचित मौलिक
अंजनी त्रिपाठी
16,08,2020