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माँ का स्पर्श - Sangeeta Mishra (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

माँ का स्पर्श

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माँ की लोरी अब याद आती
अब भी वैसी नींद नहीं आ पाती

मधुर आवाज लोरी अब कहाँ खो गई
कितने गाने सुन लो पर वो बात नहीं

माँ रख गोदी मे सर मेरा धीरे से सहलाती
फिर अपनी मीठी बोली से लोरी मुझे सुनाती

पता नहीं कब मैं सपनो में खो जाती
माँ की लोरी थी बिलकुल जादू सी

माँ की लोरी ने ईश्वर को भी बंधंन में बांधा
सुन माँ की लोरी न आती नींद में कोई बाधा

श्री कृष्ण ,श्री राम भी माँ की लोरी के दीवाने
जब तक सुन न लेते लोरी नहीं जाते सोने
# संगीता मिश्रा ( बोलती लेखनी)
# गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश)

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नेहा शर्मा

नेहा शर्मा 3 years ago

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