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तुग़लकी फ़रमान - Sarla Mehta (Sahitya Arpan)

कहानीप्रेरणादायक

तुग़लकी फ़रमान

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तुग़लकी फ़रमान

"अरे रम्या बहु ! दिनभर क्या मेरे लाड़ेसर के पीछे पड़ी रहती हो।" रम्या रसोई में "अरे रम्या बहु ! दिनभर क्या मेरे लाड़ेसर के पीछे पड़ी रहती हो।" रम्या रसोई में काम निपटाते कहती है, माजी, क्या करूँ उसके नं अच्छे नहीं आए तो परेश...जी सॉरी, चिन्मय के पापा का गुस्सा तो आप जानती ही हैं। परिक्षा के बाद खेलना ही है।" माजी कमर पर हाथ रख कर चिल्लाई
" क्या कहा ? खेलना ही है। अरे तुम लोग छुट्टियों में भी दस किलासे भेजोगे, हुँ कसाइयों की तरह।"
माजी, चीनू को झूले पर अपने पास बिठा उसके हाथ दबाते बड़बड़ाती है,
" ऐसी पढ़ाई तो जमाने में नहीं देखी। पहले याद करे बेचारा छोरा फ़िर लिखे। सीधे बैठो, ये तला गला मत खाओ, बस्ता जमाओ...। क्या जान ही लोगे बच्चे की।"
चीनू दादी की गोदी में सोए सोए ही पहाड़े याद करने लगता है। फ़िर चौंक के उठ बैठता है , "पापा आ गए क्या ? मुझे उत्तर सुनाना है।"
तभी दादी फ़ैसला सुनाती है, " आज हम सब सर्कस देखने जा रहे हैं। " चीनू ताली बजाता है , " ओ ओ ओ ! खूब मज़ा आएगा।"
सच में दादी पोते को छोटी छोटी लड़कियों के करतब देख कर बड़ा मज़ा आ रहा है।
चीनू उचक कर बोला , "ओह पापा ! वो देखो एक दीदी गिर कर बेहोश हो गई।" आस पास बैठे लोग कानाफूसी करने लगे, " ये बच्चों के प्रति अत्याचार रोकना ही होगा । बेचारे मासूमों को अपने शो के लिए सारा दिन अभ्यास कराते हैं।" माजी , सिर झुकाए बैठे बेटे बहु को घूरने लगी। निपटाते कहती है, माजी, क्या करूँ उसके नं अच्छे नहीं आए तो परेश...जी सॉरी, चिन्मय के पापा का गुस्सा तो आप जानती ही हैं। परिक्षा के बाद खेलना ही है।" माजी कमर पर हाथ रख कर चिल्लाई
" क्या कहा ? खेलना ही है। अरे तुम लोग छुट्टियों में भी दस किलासे भेजोगे, कसाइयों की तरह।"
माजी, चीनू को झूले पर अपने पास बिठा उसके हाथ दबाते बड़बड़ाती है,
" ऐसी पढ़ाई तो जमाने में नहीं देखी भई । पहले याद करे बेचारा छोरा फ़िर लिखे। सीधे बैठो, ये तला गला मत खाओ, बस्ता जमाओ...। क्या जान ही लोगे बच्चे की।"
चीनू दादी की गोदी में सोए सोए ही पहाड़े याद करने लगता है। फ़िर चौंक के उठ बैठता है , "पापा आ गए क्या ? मुझे उत्तर सुनाना है।"
तभी दादी फ़ैसला सुनाती है, " आज हम सब सर्कस देखने जा रहे हैं। " चीनू ताली बजाता है , " ओ ओ ओ ! खूब मज़ा आएगा।"
सच में दादी पोते छोटी छोटी लड़कियों के करतब देख तालियाँ बजा खुश हो रहे हैं ।
चीनू उचक कर बोला , "ओह पापा ! वो देखो एक दीदी गिर कर बेहोश हो गई।" आस पास बैठे लोग कानाफूसी करने लगे, " ये बच्चों के प्रति अत्याचार रोकना ही होगा । बेचारे मासूमों को अपने शो के लिए सारा दिन अभ्यास कराते हैं। आखिर मालिक का तुग़लकी फ़रमान तो मानना ही पड़ता है।" माजी , सिर झुकाए बैठे बेटे बहु को घूरने लगी।
सरला मेहता

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दादी की परी
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