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#अपनी_पहचान_हिंदी !
पता नहीं लोग हिंदी! को अनपढ़ों की भाषा क्यों मान लेते हैं।जिस भाषा से हमें इतने प्यारे शब्द दिए।बोलो तो, जैसे शहद टपके, किसी का भी मन मोह ले।
जैसे माँ, प्यारी माँ! इस प्यारी शब्द में ही तो दुनिया लुट जाए.....शहद की मिठास भी कम पड़ जाए।आखिर कोई कैसे ?इस प्यार भरे मीठी बोल से खुद को दूर रख सकता है।
हिंदी महज भाषा ही नहीं । दिल की धड़कन है। भावो का उदगार है। भारत की पहचान है ।भारत माता के माथे की बिंदी है हिंदी ।इसके बिना श्रृंगार अधूरा ।अपनी पहचान अधूरी । गरिमा है अपने देश की।
जिसने तुम्हें चलना सिखाया ।भला उसे कैसे छोड़ सकते हो। आगे बढ़ तो रहे हो, पर अपना अस्तित्व कैसे भूल सकते हो? आप जितना भी, अपना लो किसी और को, पर कहलाओगे तो, उसी माँ की संतान। जिसने तुम्हें सींचा है। जिसके संस्कृति तुम्हारी रगों में बसी है।
वह कभी ना कभी, बाहर आ ही जाएगी ।चाहे आप दुनिया का कोई भी खाल पहन लो। पर आपनी पहचान के बिना आप खोखले ही कहलाओगे। कभी अपने अंतर्मन को टटोल कर देखना। आपको उत्तर मिल जाएगा। आपकी अपनी पहचान मिल जाएगी ।
#जय_हिंदी !.......@चम्पा यादव 10/01/2021