कविताअतुकांत कविता
अलविदा२०२०
कह दो, अलविदा उन बुरे यादों को
जो दिए थे जख़्म, अपनों से बिछड़ने का....
माँग लो रब से, एक दुआ और कि
आने वाला साल, सबकी झोली खुशियों से भर दे....
मिटा दे उन यादों को, जो सूल की तरह चुभ रहे थे
फिर से बेख़ौफ होकर, मिले हम यारों से....
"फिर से खुली हवा में, साँस ले हम"
करो सलाम, उन फरिश्तों को
जो हमारे लिए, रोज कफ़न बाँधे निकले थे....
@चम्पा यादव
31/12/२०२०