कवितालयबद्ध कविता
नमन मंच साहित्य अर्पण
अलविदा 2020
चला साल हो के अब सबसे विदा
नहीं दोस्त होना तू मुझसे जुदा।
तुझे भूल जाना अब मुमकिन नहीं
रहे उम्र भर बन के दिल में खुदा।
मिटा देना दिल के तुम रंजिश सभी।
कभी तुम न कहना मुझे अलविदा।
तुम्ही हो हमारी खुशी की वजह।
नहीं हो कर जी सकती तुमसे जुदा।
तेरे नाम से चलती सांसे मेरी
तुम्ही मेरे रब हो तुम्हीं हो खुदा।
तुम्ही से है रौशन मेरी हर खुशी
तेरे नाम से चलती धड़कन सदा।
तुम्ही जिंदगी हो तुम्ही हो खुदा।
कहूं कैसे अब मैं तुझे अलविदा।
बहुत सारी यादें हैं तुमसे जुड़ी।
नया वर्ष लेता है सबसे विदा।
तुम्हे दोस्ती की कसम है सनम।
नए वर्ष में तुम न होना जुदा।
चलो कुछ कदम साथ तुम भी चलो
नहीं चल सकूंगी तुम्हारे बिना।
***मणि बेन द्विवेदी
वाराणसी उत्तर प्रदेश