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कहिए 2020 को अलविदा - अजय मौर्य ‘बाबू’ (Sahitya Arpan)

कविताअन्य

कहिए 2020 को अलविदा

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ऐ विदा लेते हुए साल
तेरे जैसे न हम सताएंगे,
याद रखना नहीं चाहते
लेकिन भूल न पाएंगे।

स्वागत तूने खूब कराया
दो महीने बाद सताया,
पूरे विश्व में किया अंधेरा
लाशों का फिर ढेर लगाया।

आगे तुझसे हम ही रहेंगे
तुझको पीछे छोड़ जाएंगे,
याद रखना नहीं चाहते
लेकिन भूल न पाएंगे।

मचा के जग में उथल-पुथल
अजब सा फिर जाल बिछाया,
एक जरा से जीवाणु से
भयानक कोहराम मचाया।

हर मर्ज का तोड़ निकाला
इसकी भी दवा बनाएंगे,
याद रखना नहीं चाहते
लेकिन भूल न पाएंगे।

उम्मीदों के साथ जाएंगे
नए का स्वागत गान गाएंगे,
जीवट हैं न हारेंगे हम
संघर्षों में निखर आएंगे।

तकलीफें साथ ले जाना
तभी चैन से रह पाएंगे,
याद रखना नहीं चाहते
लेकिन भूल न पाएंगे।

अजय बाबू मौर्य ‘आवारा’

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