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धोका - अजय मौर्य ‘बाबू’ (Sahitya Arpan)

कविताअन्य

धोका

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धोका

ये सूरज हैं तुमको जुगनू बनाए रखेंगे
माफ करेंगे और कर्जा बनाए रखेंगे।

सहते रहना सितम पीढ़ी-दर-पीढ़ी
साहब तुमको हमेशा गुलाम बनाए रखेंगे।

रोटी का लालच देंगे काम का झांसा
रैली, सभा, आंदोलनों में उलझाए रखेंगे।
अजय बाबू मौर्य ‘आवारा’

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